Thursday 2 February 2012

इको वन ने नम भूमि दिवस पर विंढम फाल को दी नयी जिंदगी!

गांधीजी ने कहा है... ‘सबसे पहले वे आपकी उपेक्षा करते है, फिर आप पर हँसते है, फिर आपसे लड़ते है और फिर आप जीत जाते है|’
 विंढम फाल की सफाई करते इको वन के कार्यकर्ता
आज का दिन यानि 2 फ़रवरी विश्व नमभूमि दिवस के रूप में विश्वभर में मनाया जाता है | यह दिन प्रकृति और पर्यावरण के हिसाब से बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि “जल ही जीवन है” और नमभूमि धरती पर जल को विनियमित करने में सहायक होती हैI इस दिन कि महत्ता को समझते हुए इको वन ने इस दिन बहुत ही खास तरीके से मनाया | आज इको वन ने परिसर के छात्रों के साथ परिसर के पास स्थित “विंढम फाल” की  सफाई की | आज यानि 2 फ़रवरी को दोपहर 1:30 बजे परिसर में स्थित लेक्चर थियेटर काम्प्लेक्स पर इको वन के सारे कार्यकर्ता एकत्रित हुए, जिनकी संख्या 100 से भी ज्यादा थी जिसे देखकर इको वन के सदस्य भी दंग रह गए, क्योंकि इको वन ने 60-70 कार्यकर्ताओं के आने की ही उम्मीद की थी | कार्यकर्ता इस कार्यक्रम को लेकर बहुत उत्साहित नज़र आ रहे थे | दोपहर के 2:00 बजे  इको वन की टोली विंढम की तरफ बढ़ने लगी परिसर में इतने छात्र एक साथ शायद पहली बार ही दिखे | इको वन की टोली बरकछा के विन्ध्य पहाडियों को पार करते हुए विंढम पहुची इको वन के उत्साह को देखकर लोग दंग थे | इको वन विंढम फाल पहुच कर पांच टोलियो में विभाजित हो गया | हर टोली का अपना निर्धारित स्थान था, जहाँ पर उन्हें सफाई का कार्य करना था | इको वन के कार्यकर्ताओं ने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए अपने काम को पूरी निष्ठा और लगन के साथ किया | विंढम फाल में फैले कूड़ा करकट व गंदगी को साफ़ करते हुए बी.एच.यू. में एक नए युग का आगाज भी कर दिया | बी.एच.यू. के छात्रों के इस अभियान को वन विभाग ने भी खुले दिल से स्वागत किया इस मौके पर वन विभाग के अधिकारी और पुलिस फोर्स भी मौजूद रही | उन्होने न सिर्फ छात्रों का उत्साहवर्धन किया बल्कि उन्होंने छात्रों के इस अभियान में मदद भी की | छात्रों ने करीब-करीब एक घंटे तक सफाई का कार्य पूरे जोश और उत्साह के साथ किया और विंढम फाल की रूप रेखा ही बदल कर रख दी | छात्रों का उत्साह तब चरम पर पहुँच गया जब मिर्ज़ापुर-कैमूर क्षेत्र के प्रभागीय वन अधिकारी श्री मनीष मित्तल जी भी छात्रों का उत्साह बढाने विंढम फाल पहुंच गए | छात्रों को संबोधित करते हुए श्री मित्तल ने कहा कि छात्रों ने अपने दम पर इतने कम समय में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया ये अपने आप में काबिले तारीफ है | उन्होंने नमभूमि के फाएदे बताये और नमभूमि दिवस मनाने का मकसद भी छात्रों को समझाया | उन्होंने इको वन को इस साल के नमभूमि दिवस के विषय के बारे में बताया जो की ‘नमभूमि और पर्यटन’ है | उन्होंने ये भी कहा कि विंढम फाल भले ही पूर्ण रूप से नमभूमि में नहीं आती पर नमभूमि दिवस पर मिर्ज़ापुर में इस तरह के अभियान के लिए इससे बेहतर पर्यटन स्थल दूसरा नहीं हो सकता था |  उन्होंने कहा इस तरह के अभियान उस वक्त अवश्य किये जाने चाहिए जब पर्यटन का मौसम होता है और पर्यटक बाहर से आते है जिससे उनलोगों तक भी ये सन्देश पहुंचे| उन्होंने इस अभियान के लिए छात्रों को सराहा और उन्हें शुभकामनायें दी | उन्होने कहा कि परोपकार दो तरह से हो सकता है, एक वो जो लोगों के द्वारा लोगों के लिए किया जाये और एक वो जो हमारे पर्यावरण के लिए किया जाये I उन्होंने कहा कि नौजवान इस देश कि सबसे बड़ी शक्ति हैं और अगर नौजवान इस तरह के पहल लेता  है तो पर्यावरण कभी दूषित नहीं हो पाएगा! 


सफाई अभियान में जुटी छात्राएं. सभी कार्यकर्ताओं में 35 छात्राएं थी 


छात्रगन वन अधिकारी महोदय को अपने बीच पाकर बहुत उत्साहित थे और सवालों पर सवाल किये जा रहे थे | वन अधिकारी महोदय ने भी छात्रों के हर एक सवाल का जवाब बड़े ही दिलचस्पी से दिया | उनकी मुलाकात करीब 30 मिनट चली जिसमें छात्रों ने उनसे काफी ज्ञान अर्जित की और मिर्ज़ापुर में वनों की स्थिति और वन विभाग द्वारा लिए गए कदमों की जानकारी विस्तृत रूप से लिया |

विंढम फाल की सफाई और सुरक्षा को लेकर छात्रों में काफी चिंता थी और उन्होंने श्री मित्तल से जब इसके बारे में पूछा तो उन्होंने वादा किया कि विंढम फाल में जल्द ही कूड़ेदानों की व्यवस्था की जाएगी और लोगों को जागरूक करने के लिए भी यथायोग्य इंतज़ाम किये जाएंगे | उन्होंने ये भी जानकारी दी की बहुत जल्द विंढम फाल में पर्यटकों की सुरक्षा को और सुदृढ़ बनाने के लिए खतरे की सूचना वाले बोर्ड और फिसलन से बचने के लिए लोहे की जंजीरें, तैरनेवाले रस्सी  तथा टाएर भी लगायी जाएंगी.. उन्होंने बताया की वन विभाग भी विंढम फाल को उन्नत करना चाहती है पर मानव संसाधनों की कमी के चलते पूरी तरह से सक्षम नहीं है| उन्होंने विंढम फाल की नियमित साफ़ सफाई के लिए नगरपालिका से सहयोग लेने की बात भी कही |

श्री मित्तल से छात्रों ने आधे घंटे से भी ज्यादा समय तक बातचीत की और अपने सवाल पूछे | इसी मौके पर एम्.एस.सी मिटटी एवं जल संरक्षण की छात्रा शाची राय ने डी. एफ. ओ. के समक्ष अपनी स्वनिर्मित कविता भी सनाई जो कुछ इस प्रकार है:


मिट्टी हमारी तनहा है जहा वृक्ष नहीं... वो वृक्ष भी वहाँ तनहा है जहाँ पानी की एक बूँद नहीं... पानी तो है कुछ जगह थोडा थोडा... पर क्या फायदा जब वो साफ नहीं.. 


 इस कार्यक्रम की समाप्ति 4.30 बजे हुई जिसके बाद सारे छात्र थके होने के बावजूद बरकछा के पहाडियों को बड़े ही जोश और उत्साह के साथ पार करते हुए अपने परिसर में वापस पहुचे |
श्री मनीष मित्तल बी.एच.यू. के नौजवानों से बातचीत करते हुए


“It was great to see the youth in its full exhuberence. The initiative taken today will prove to be landmark in the management of Windham Fall. I give my Best Wishes for the future. KEEP IT UP!!!”Mr. Maneesh Mittal, Divisional Forest Officer, Mirzapur-Kaimoor Region.

बी.एच.यू. दक्षिणी परिसर के कोर कमेटी के सदस्य प्रोफ. श्री जी. पी. सिंह ने फोन पर इको वन के कार्यकर्ताओं को बधाइयाँ दी और आगे भी इस तरह के काम को करते रहने के लिए आशीर्वाद दिया. 



इस अभियान से जुडी कुछ और फोटोग्राफ देखें  Gallery में  जाकर.  अखबारों में इस अभियान के समाचार हेतु देखें  Press and Media.






~ नवेन्दु निधान, सहायक अध्यक्ष, इको वन





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